दिल्ली शहर में ठीक होने वालों से चार गुना ज्यादा मिल रहे हैं कोरोना संक्रमित लोग
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसारअब तक कुल दिल्ली शहर में 32,810 संक्रमितों में से 12,245 मरीज ठीक हो चुके हैं,1 5 दिनों में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर में 10 प्रतिशत की कमी हुई है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। प्रतिदिन जिस हिसाब से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसके तुलना में कम मरीज ठीक हो रहे हैं। इससे रिकवरी दर कम होता जा रहा है।
इस तरह देखा जाए तो अब रिकवरी दर लगभग 38 फीसदी है। वहीं,15 दिन पहले कुल संक्रमितों की संख्या 14,465 थी और इनमें से 6954 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके थे।
उस समय रिकवरी दर 48 प्रतिशत था। इस समय कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की दर में 10 प्रतिशत की कमी आई है।कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज गति से बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है।यदि ऐसा ही बढ़ता गया तो , बीते दो सप्ताह में कोरोना के 18,345 नए मामले आए।
वहीं,देखा जाए तो इससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगभग 5,291 रही। इसका मतलब देखा जाए तो रोजाना औसतन संक्रमण के 1200 नए मामले आए और जिसमे 350 मरीज ठीक हुए। यानी,जितने मरीज ठीक हो रहे हैं। उससे चार गुना ज्यादा संक्रमित मिल रहे है जिस कारण रिकवरी दर में कमी हो रही है।
हाई कोर्ट का ज्ञात के अनुसार
भारत की राजधानी दिल्ली में तेजी से फ़ैल रहा है कोरोना ,इस हिसाब से देखा जाए देश की कोरोना केपिटल बनने की ओर बढ़ रही है। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों पर हाईकोर्ट चिंता जाहिर करते हुए यह बात कही है,की लैब की सुविधा निजी अस्पतालों को भी कोरोना जांच की अनुमति देना चाहिए। यह बात उस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कही जिसमें निजी अस्पतालों को कोरोना जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली तथा न्यायमूर्ति सुब्रमोण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कोविड-19 जांच के लिए सक्षम तथा आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त निजी लैबों को जांच की अनुमति देने की जरूरत का समय है।